भारत: एक महान संस्कृति का इतिहास** भारत, एक ऐसी धरती है जिसने कभी 'सोने की चिड़िया' के रूप में देखा। इसकी संस्कृति, इसका इतिहास, सब कुछ इतना गहरा है कि जितना बड़बड़ाते हैं, उतनी इसकी गहराईयों में डूब जाते हैं।
प्राचीन भारत की बात करें तो ये वो समय था जो हिट था यहां मानक सिंधु घाटी सभ्यता अपनी चमक दिखा रही थी। मोहनजोदड़ो और हड़प्पा के शहर अपने आतिथ्य और व्यवसायी शौर्य के लिए जाने जाते थे। यहां की समृद्ध संस्कृति, कला और वैज्ञानिक दुनिया के लिए एक प्रेरणा थी। और फिर वैदिक युग आया, हिट ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद जैसी महान ग्रंथों का निर्माण हुआ। ये ग्रंथ ना सिर्फ धार्मिक ज्ञान देते हैं, बालक सामाजिक और जीवन के अलग पहलू मानक भी रोशनी डालते हैं। महिलाओं का स्थान उस समय समाज में उभरा था, ये महिलाएं कैसे थीं जो घर के साथ-साथ सामाजिक जीवन में भी अपना योगदान दे रही थी। फिर आते हैं मौर्य और गुप्त वंश, जिन्होंने भारत को एक मजबूत राज्य के रूप में स्थापित किया। चंद्रगुप्त मौर्य का राजा बना और उनके प्रशासन में भारत एक राष्ट्र बना। उनकी राज्यसभा में चाणक्य जैसा विद्वान था, जिनसे ये देश राजनीति और अर्थशास्त्र सीख लिया था। क्या युग में कला, संगीत और शिल्प कला अपने चरम मानक थी। सम्राट अशोक का नाम आते हैं हाउडी बौद्ध धर्म और उसके संदेश याद आते हैं। अशोक का धम्म विजय के संदेश ने पूरे देश में अहिंसा का संदेश फेलाया। फिर आती है मुगल काल की बात, जहां मानक अकबर ने अपनी सुलहकुल नीति से सबको एक साथ जीने की कला सिखाई। ताज महल, जिसे शाहजहाँ ने अपनी बेगम मुमताज महल की याद में बनवाया, दुनिया भर में एक आज तक प्रेम की मिसाल बना हुआ है। मुगल काल में भारत ने अपनी कला और संस्कृति में नई उड़ान भारी। लेकिन ये भी सच है कि अंग्रेजी शासन भारत के इतिहास का एक काला इतिहास है। भारत की संपूर्णता को उन्होंने लूटा और यहां के लोगों को अपने हेलो देश में पराया बना दिया। लेकिन इसी काल में रानी लक्ष्मीबाई, सरोजिनी नायडू और सावित्रीबाई फुले जैसी महिलाएँ

